“मैंने आपको चोट पहुंचाने के बाद, आपने रेत में लिखा और अब, आप एक पत्थर पर लिखते हैं, क्यों?”
हिंदी कहानियों का बहुत ही सुंदर कलेक्शन
अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहे हो।
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“When I bought laid off at fifty three from the senior management position with a struggling restaurant chain, I realized it had been likely to be not easy to find One more task in the corporate world. I also realized it was now or hardly ever to go after my lifelong desire of owning my own restaurant. What was most overwhelming was that, in an effort to make this occur, I had been about to really need to find an current café that was underperforming and whose proprietor was extremely determined to get out of his lease. I acquired very lucky and located just what I needed eight blocks from home.
कल रात जब मै चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका इतना उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहां उल्लू रहता है।
उसकी ओर मुड़कर उसने पूछा। “बेटी, तुम क्या देखती हो?”
“At forty two a long time old, with two daughters pretty much to complete faculty, I Stop my 6-determine-income position Doing work in a very harmful setting and escaped to some cabin by a river. One parenting, a Terrible ex-spouse, along with a misogynist boss zapped my psychological perfectly-getting to in the vicinity of zero. In 2009, with my kids now grown, I came into the conclusion that life wasn't intended for being so complicated, and undoubtedly there was another way. I used to be about to rebuild my life from scratch, even though it intended getting rid of all the things in the method. I rented a cabin inside the wilderness and sat by a river for 9 months, dwelling off my personal savings. I hiked, kayaked, examine, wrote and unpacked my feelings. It had been restorative. After nine months, I discovered a work inside the recreation field.
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बच्चे ने कुछ देर सोचा और कहा, “तो हमारे पास रेगिस्तान की यात्रा के लिए पानी जमा करने के लिए कूबड़ हैं, जब हम रेगिस्तानी रेत में चलते हैं, तो हमें आराम से रखने के लिए गोल पैर, और एक रेगिस्तान तूफान के दौरान रेत और धूल से बचाने के लिए लंबी पलकें । फिर हम चिड़ियाघर में क्या कर रहे हैं? ”
ठीक इसी प्रकार अगर आप किसी बुरे चीज़ में भी सिर्फ अच्छाइयों को देखते हो उस अच्छाइयों को बारें में चिंतन करते हो तब आपमें उस अच्छाई का कुछ अंश समाहित here हो जाता है।
पचास बार प्रयास करने के उपरांत मूर्तिकार ने अंतिम बार प्रयास करने के उद्देश्य से हथौड़ा उठाया, किंतु यह सोचकर हथौड़े पर प्रहार करने के पूर्व ही उसने हाथ खींच लिया कि जब पचास बार वार करने से पत्थर नहीं टूटा, तो अब क्या टूटेगा.
यह प्रेरक कहानी अखण्ड ज्योति पत्रिका से ली गई है।
मिल देखने के बाद शास्त्रीजी मिल के गोदाम में पहुँचे तो उन्होंने साड़ियाँ दिखलाने को कहा। मिल मालिक व अधिकारियों ने एक से एक खूबसूरत साड़ियाँ उनके सामने फैला दीं। शास्त्रीजी ने साड़ियाँ देखकर कहा- "साड़ियाँ तो बहुत अच्छी हैं, क्या मूल्य है इनका?"